तुलसी विवाह कराने से बनते है शादी के योग…
टुडे इंडिया ख़बर / स्नेहा
दिल्ली, 9 नवम्बर, 2024
तुलसी विवाह हर साल कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि को मनाते हैं। प्रदोष मुहूर्त में तुलसी विवाह के आयोजन होंगे। उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है।
तुलसी विवाह का पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाते हैं। कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि को प्रदोष काल में राजधानी जयपुर सहित राजस्थान के मंदिरों में विधि विधान से तुलसी विवाह के आयोजन होंगे। इसमें वृंदा यानी तुलसी का विवाह शालिग्राम से होगा।
ज्योतिषाचार्य पं.नीरज शर्मा
ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी विवाह कराने से दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और जिनकी शादी होने में कोई बाधा आ रही होती है, वह दूर हो जाती है, जल्द विवाह का योग बनता है। तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी या फिर उसके अगले दिन होता है।
तुलसी विवाह 2024 तारीख
ज्योतिषाचार्य डॉ.अमित व्यास का कहना है कि कार्तिक शुक्ल एकादशी युक्त द्वादशी तिथि के प्रदोष काल में तुलसी विवाह कराना उत्तम माना जाता है। यह शास्त्र अनुसार भी श्रेष्ठ है।
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि का शुभारंभ 12 नवंबर मंगलवार को शाम 4 बजकर 4 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन 13 नवंबर बुधवार को दोपहर 1 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है।
इस साल तुलसी विवाह का आयोजन 12 नवंबर मंगलवार को देवउठनी एकादशी के दिन होगा। क्योंकि, उस दिन तुलसी विवाह के लिए एकादशी द्वादशी युक्त प्रदोष मुहूर्त प्राप्त हो रहा है। प्रदोष मुहूर्त सूर्यास्त के बाद से प्रारंभ होता है और यह 13 नवंबर को द्वादशी तिथि में तुलसी विवाह के लिए प्राप्त नहीं हो रहा है।
तुलसी विवाह 2024 मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पं.राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि 12 नवंबर को सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 29 मिनट पर होगा। सूर्यास्त होने के बाद जब हल्का अंधेरा होने लगे और आसमान में तारे नजर आने लगें, उस समय प्रदोष मुहूर्त रहेगा। उस समय से ही मंदिरों में तुलसी विवाह का आयोजन शुरू होंगे।
प्रदोष काल सूर्यास्त से 3 घड़ी यानी लगभग 2 घंटे 24 मिनट का समय प्रदोष काल होता है। इस आधार पर तुलसी विवाह का मुहूर्त शाम 5:29 बजे से लेकर शाम 7:53 बजे तक है। इस समय में शहर के मंदिरों में आप विधि विधान से माता तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम से होगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग में तुलसी विवाह 2024.
उन्होंने बताया कि इस साल तुलसी विवाह के दिन 2 शुभ योग बनेंगे। उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बनेगा।
तुलसी विवाह वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 7:52 बजे से बनेगा, जो 13 नवंबर को सुबह 5:40 बजे तक रहेगा। वहीं, रवि योग सुबह 6:42 बजे से सुबह 7:52 बजे तक है।
इसके अलावा हर्षण योग सुबह से शाम 7:10 बजे तक है, उसके बाद वज्र योग होगा।
उस दिन पूर्व भाद्रपद नक्षत्र सुबह 7:52 बजे तक है, फिर उत्तर भाद्रपद नक्षत्र है, जो अगले दिन सुबह 5:40 बजे तक है।
तुलसी विवाह का महत्व
ज्योतिषाचार्य पं. नीरज शर्मा ने बताया कि तुलसी विवाह के दिन भगवान विष्णु के अवतार शालिग्राम का विवाह वृंदा यानी तुलसी से होता है।
कथा के अनुसार, दैत्यराज जलंधर की पत्नी का नाम वृंदा था, जो एक विष्णु भक्त और पतिव्रता स्त्री थी। उसके तप के कारण जलंधर को हराना मुश्किल था।
तब भगवान विष्णु ने जलंधर का रूप धारण करके वृंंदा के पतिव्रता धर्म को भंग कर दिया, जिसके फलस्वरूप जलंधर मारा गया।
यह बात जानकर वृंदा ने अपना जीवन खत्म कर लिया। उस स्थान पर एक तुलसी का पौधा प्रकट हुआ।
भगवान विष्णु ने वरदान दिया कि तुलसी का विवाह उनके शालिग्राम स्वरूप से होगा और उनकी पूजा में तुलसी के बिना अपूर्ण होगी। इस वजह से विष्णु पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करते हैं।