टुडे इंडिया ख़बर / संतोष वशिष्ठ
जयपुर, 21 अप्रैल, 2025

सुंदरकांड का पाठ एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अनुष्ठान है, जिसे भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सकारात्मकता, आत्मविश्वास, और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है। विभिन्न राशियों के लिए सुंदरकांड पाठ का समय और दिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ग्रहों के प्रभाव और राशि की प्रकृति के आधार पर निर्धारित किया जा सकता है। हालांकि, सामान्य रूप से मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड पाठ के लिए सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि ये दिन हनुमान जी और शनि ग्रह से जुड़े हैं। नीचे विभिन्न राशियों के लिए सुंदरकांड पाठ के लिए उपयुक्त समय और दिन का ज्योतिषीय आधार पर सुझाव दिया गया है।


यह सुझाव सामान्य धार्मिक मान्यताओं, ग्रहों के प्रभाव, और ज्योतिषीय सिद्धांतों पर आधारित है। ध्यान दें कि व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है।

  1. मेष (Aries) कब करें: मंगलवार को सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4:00 AM – 6:00 AM) में। मेष राशि का स्वामी मंगल है, जो हनुमान जी से जुड़ा है।
    कारण:
    मंगल ग्रह साहस और ऊर्जा का प्रतीक है। मंगलवार को पाठ करने से मेष राशि वालों को आत्मविश्वास और कार्यों में सफलता मिलती है।
    विशेष टिप:
    11 या 21 दिन तक लगातार पाठ करें।
  2. वृषभ (Taurus)कब करें:
    शुक्रवार को शाम 7 PM के बाद।
    कारण:
    वृषभ का स्वामी शुक्र है, जो सुख और समृद्धि का कारक है। शुक्रवार को पाठ करने से मानसिक शांति और पारिवारिक सुख बढ़ता है।
    विशेष टिप:
    हनुमान जी की मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं।
  3. मिथुन (Gemini)कब करें:
    बुधवार को सुबह या शाम..
    कारण
    मिथुन का स्वामी बुध है, जो बुद्धि और संचार का प्रतीक है। बुधवार को पाठ करने से मिथुन राशि वालों को मानसिक स्पष्टता और निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
    विशेष टिप:
    पाठ के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  4. कर्क (Cancer)कब करें:
    सोमवार को शाम को संध्या समय (सूर्यास्त के आसपास)
    कारण
    कर्क का स्वामी चंद्रमा है, जो भावनाओं और मन का कारक है। सोमवार को पाठ करने से भावनात्मक स्थिरता और शांति मिलती है।
    विशेष टिप:
    पाठ से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  5. सिंह (Leo)कब करें: रविवार को सुबह।
    कारण
    सिंह का स्वामी सूर्य है, जो आत्मविश्वास और नेतृत्व का प्रतीक है। रविवार को पाठ करने से सिंह राशि वालों को ऊर्जा और सम्मान की प्राप्ति होती है।
    विशेष टिप
    पाठ के दौरान लाल आसन का उपयोग करें।
  6. कन्या (Virgo)कब करें:
    बुधवार को सुबह।
    कारण
    कन्या का स्वामी बुध है। बुधवार को पाठ करने से कन्या राशि वालों को कार्यक्षेत्र में सफलता और बौद्धिक विकास मिलता है।
    विशेष टिप
    पाठ के दौरान सात्विक भोजन करें और मांस-मदिरा से बचें।
  7. तुला (Libra)कब करें: शुक्रवार को शाम।
    कारण
    तुला का स्वामी शुक्र है। शुक्रवार को पाठ करने से तुला राशि वालों को रिश्तों में सामंजस्य और आर्थिक स्थिरता मिलती है।
    विशेष टिप
    समूह में पाठ करने से अधिक लाभ मिलता है।
  8. वृश्चिक (Scorpio)कब करें
    मंगलवार को सुबह या शाम
    कारण
    वृश्चिक का स्वामी मंगल है। मंगलवार को पाठ करने से वृश्चिक राशि वालों को साहस, शत्रु पर विजय, और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
    विशेष टिप
    21 दिन तक लगातार पाठ करें।9. धनु (Sagittarius)कब करें
    गुरुवार को सुबह।
    कारण
    धनु का स्वामी गुरु (बृहस्पति) है, जो ज्ञान और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। गुरुवार को पाठ करने से धनु राशि वालों को आध्यात्मिक उन्नति और समृद्धि मिलती है।
    विशेष टिप
    पाठ से पहले गणपति और श्री राम का ध्यान करें।
  9. मकर (Capricorn)कब करें
  10. शनिवार को शाम 4 PM के बाद।
    कारण
    मकर का स्वामी शनि है। शनिवार को पाठ करने से मकर राशि वालों को शनि दोष से मुक्ति और कार्यों में स्थिरता मिलती है। विशेष टिप
    पाठ के बाद हनुमान जी को गुड़-चना का भोग लगाएं।
  11. कुंभ (Aquarius)कब करें
    शनिवार को सुबह या शाम..
    कारण
    कुंभ का स्वामी शनि है। शनिवार को पाठ करने से कुंभ राशि वालों को मानसिक शांति और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
    विशेष टिप
    पाठ के दौरान उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
  12. मीन (Pisces)कब करें गुरुवार को सुबह।
    कारण
    मीन का स्वामी गुरु है। गुरुवार को पाठ करने से मीन राशि वालों को आध्यात्मिक शांति और जीवन में सकारात्मकता मिलती है।
    विशेष टिप:9
    पाठ के बाद हनुमान जी की आरती करें।
    सामान्य नियम और सावधानियां
    शुभ समय
    ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 AM – 6 AM) या प्रदोष काल (शाम 7 PM के बाद) पाठ के लिए सर्वोत्तम है।
    तिथि से बचें
    अमावस्या पर सुंदरकांड पाठ से बचें, क्योंकि इस दिन हनुमान जी विश्राम अवस्था में माने जाते हैं। विधि
    स्नान करें, शुद्ध वस्त्र पहनें, हनुमान जी की मूर्ति या फोटो सामने रखें, घी का दीपक जलाएं, और सात्विक भाव से पाठ करें।
    अवधि
    11, 21, 31, या 41 दिन तक लगातार पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।
    आहार
    पाठ के दौरान सात्विक भोजन करें और मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन से परहेज करें।
    नोट
    यह सुझाव सामान्य ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं। यदि आपकी कुंडली में कोई विशेष ग्रह दोष (जैसे शनि, राहु, या मंगल) है, तो किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर पाठ का समय और विधि निर्धारित करें। सुंदरकांड का पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से सभी राशियों के लिए लाभकारी होता है।यदि आप किसी विशिष्ट राशि के लिए अधिक विस्तृत जानकारी चाहते हैं या आपकी कुंडली के आधार पर सलाह चाहिए, तो कृपया बताएं!