प्रयागराज में 3 लाख करोड़ से अधिक का हुआ कारोबार

यूपी सरकार को 30 हजार करोड़ का मिला राजस्व

टुडे इंडिया ख़बर / स्नेहा
दिल्ली, 27 फ़रवरी, 2025

उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में 45 दिनों तक 144 साल बाद लगा महाकुंभ सबसे बड़ा धार्मिक एवं आध्यात्मिक समागम बुधवार (26 फरवरी) को अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के साथ समाप्त हो गया।
यह महाकुंभ आस्था के साथ अर्थ के मामले में भी महाकुंभ साबित हुआ है।
100 से अधिक देशों से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे
45 दिनों चले महाकुंभ के दौरान लगभग 100 से अधिक देशों से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। जिसके कारण ट्रांसपोर्ट सेक्टर से लेकर हॉस्पिटैलिटी,टूरिज्म तक सैकड़ों सेक्टरों के बिजनेस में काफी बढ़ोतरी हुई है। जिसके कारण 4 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का कारोबार पहुंच गया।
आस्था का महाकुंभ अर्थ का भी महाकुंभ
इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज दुनिया उत्तर प्रदेश की जिस क्षमता को देख रही है, उसे महाकुंभ मेले से जोड़ा जा सकता है। अकेले महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3 करोड़ रुपए से अधिक की बढ़ोतरी में मदद मिलेगी। यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए महाकुंभ अकेले बड़ा वरदान साबित हुआ है। महाकुंभ के 45 दिनों के दौरान 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे और संगम में डुबकी लगायी। जितनी उम्मीद थी उससे दोगुना श्रद्धालुओं की संख्या थी।
4 लाख करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ..
Confederation of All India Traders के महासचिव और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से लोक सभा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि बड़ी संख्या में जो श्रद्धालु महाकुंभ आये थे वो काशी, अयोध्या और चित्रकूट भी पहुंचे। इसीलिए इस ऐतिहासिक क्षेत्र में कुल कारोबार 4 लाख करोड़ से भी ज़्यादा का हुआ।
उन्होंने कहा कि हमारा आकलन है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज, अयोध्या, काशी, चित्रकूट और मिर्जापुर में 4 लाख करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है। वहीं, सिर्फ प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 3 लाख करोड़ से अधिक की अर्थव्यवस्था खड़ी हुई है। महाकुंभ के दौरान यूपी की सरकार को 25 हजार से 30 हजार करोड़ रुपए की राजस्व की कमाई हुई है।