टुडे इंडिया ख़बर / स्नेहा
दिल्ली, 5 मार्च, 2025
उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में बुधवार को योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। महाराष्ट्र में चल रहे औरंगजेब विवाद पर योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा।
सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी औरंगजेब को अपना आदर्श मानती है। सीएम योगी ने बिना नाम लिए कहा कि उस कमबख्त को पार्टी से निकालो, नहीं तो यूपी भेजो। सीएम योगी ने इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी को घेरा। आपको बता दें कि इन दिनों समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी औरंगजेब को लेकर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर इन दिनों चर्चाओं में है।
भारत की विरासत को कोसना समाजवादी पार्टी की आदत है। दुर्भाग्य है कि उन्होंने औरंगेजब को आदर्श माना है। औरंगजेब का पिता शाहजहां अपनी जीवनी में लिखता है खुदा करे ऐसा कमबख्त किसी के घर पैदा न हो। उसने आगरा के किले में अपने बाप को कैद करके रखा। एक-एक बूंद के लिए तरसा कर रखा।

सीएम योगी ने कहा कि औरंगजेब का पिता शाहजहां अपनी जीवनी में लिखता है खुदा करे ऐसा कमबख्त किसी को पैदा न हो। उसने आगरा के किले में अपने बाप को कैद करके रखा। एक-एक बूंद के लिए तरसा के रखा। औरंगजेब की तारीफ करने वालों को शाहजहां को पढ़ना चाहिए। भारत पर हमला करने वाला धर्मांध और दुर्दांत शासक को समाजवादी पार्टी आदर्श मानती है। कोई सभ्य मुसलमान भी अपने पुत्र का नाम औरंगजेब नहीं रखा है। औरंगेजब को कोसते हुए उसने लिखा कि तुमसे अच्छा तो यह हिंदू है जो जीते जी तो अपने मां-बाप की सेवा करता है और मरने के बाद उनका तर्पण करता है।
महाराष्ट्र में अबू आजमी पर कार्रवाई
महाराष्ट्र विधानसभा में अबू आजमी पर कार्रवाई हुई है। अबू आजमी को पूरे बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने औरंगजेब की तारीफ कर कहा था कि वह अत्याचारी नहीं था। उनके इस बयान पर पिछले दो दिनों से सियासत गरमाई हुई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए मांफी मांग ली। साथ ही कहा कि वह सिर्फ वही कह रहे हैं, तो इतिहास में लिखा हुआ है। अबू आजमी की इस टिप्पणी को लेकर वह लगातार विरोधियों के निशाने पर बने हुए हैं। उनको महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित करने की मांग की गई थी।

अखिलेश यादव ने अबू आजमी के निलंबन पर उठाया सवाल
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र में पार्टी के विधायक अबू आजमी पर हुई कार्रवाई पर सवाल उठाया है।
निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।
अबू आजमी ने क्या कहा था?
आजमी ने कहा था कि उस समय के राजा सत्ता और संपत्ति के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन यह कुछ भी धार्मिक नहीं था। औरंगजेब ने 52 साल तक शासन किया, और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान बनाना चाहते, तो सोचिए कि कितने हिंदू परिवर्तित हो जाते। अगर औरंगजेब ने मंदिरों को नष्ट किया, तो उन्होंने मस्जिदों को भी नष्ट किया अगर वह हिंदुओं के खिलाफ थे, तो 34% हिंदू उनके साथ नहीं होते, और उनके सलाहकार हिंदू नहीं होते। हमें इसे हिंदू-मुस्लिम कोण देने की जरूरत नहीं है। यह देश संविधान से चलेगा, और मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। सपा नेता ने कहा कि मैंने जो कहा, वह तथ्यों पर आधारित है। इतिहास को राजनीतिक एजेंडे से नहीं, बल्कि सच के आधार पर देखना चाहिए। मैं संविधान और समानता में विश्वास रखता हूं।
छावा फिल्म से शुरू हुआ विवाद
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘छावा’ ने औरंगजेब को लेकर बहस की शुरुआत की। यह फिल्म मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक और छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े बेटे संभाजी महाराज की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में विक्की कौशल ने संभाजी का किरदार निभाया है, जबकि अक्षय खन्ना ने औरंगजेब की भूमिका अदा की है। फिल्म में संभाजी के साहस, बलिदान और औरंगजेब के अत्याचारों को दिखाया गया है। संभाजी को औरंगजेब ने 1689 में क्रूरता से मरवा दिया था, जिसे फिल्म में भावनात्मक ढंग से पेश करने की कोशिश हुई है।

