टुडे इंडिया ख़बर/स्नेहा
जयपुर,9 दिसंबर,2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयपुर दौरे के दौरान छात्रों द्वारा संभावित विरोध प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस ने एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई की।
पुलिस ने अलसुबह विभिन्न स्थानों से दो दर्जन से अधिक छात्रों को उनके घरों से डिटेन किया। इनमें अधिकांश छात्र एनएसयूआई से जुड़े बताए जा रहे हैं।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास जाखड़ के घर पर भी सुबह पुलिस पहुंची।
जाखड़ के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, कई छात्र नेताओं को शहर के अलग-अलग थानों में हिरासत में रखा गया है।
पुलिस कार्रवाई के बाद एनएसयूआई ने ट्विटर पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। एनएसयूआई राजस्थान के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट जारी किया गया, जिसमें कहा गया:”जब-जब तानाशाह डरता है, पुलिस को आगे करता है।
सुबह-सुबह पुलिस ने प्रदेशाध्यक्ष विकास जाखड़ के घर पर पहुंचकर उन्हें और अन्य साथियों को डिटेन किया। यह युवाओं की आवाज दबाने का प्रयास है।”
पोस्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री के दौरे पर विरोध का दमन करने के बजाय रोजगार और स्थाई नौकरियों पर चर्चा होनी चाहिए। एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि “देश के युवाओं की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।”
सूत्रों के अनुसार छात्रों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान काले झंडे दिखाने और विरोध प्रदर्शन करने की योजना के इनपुट के बाद यह कार्रवाई की गई। प्रशासन ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास जाखड़ ने कहा, “यह कार्रवाई युवाओं की आवाज़ को दबाने की साजिश है। सरकार रोजगार और शिक्षा पर ध्यान देने के बजाय विरोध करने वालों को चुप कराने में लगी है।”
इस कार्रवाई को लेकर प्रदेश में राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है।
एनएसयूआई ने इसे तानाशाही प्रवृत्ति करार दिया, वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा सर्वोपरि है और विरोध के नाम पर कानून-व्यवस्था भंग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
एनएसयूआई ने अपने बयान में कहा कि उनका आंदोलन रोजगार और स्थाई नौकरियों के मुद्दों को लेकर है।
उन्होंने सरकार से युवाओं की समस्याओं पर ध्यान देने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दमनकारी कार्रवाई बंद करने की मांग की।