14 से 30 दिसंबर तक जवाहर कला केंद्र जयपुर में शुभारंभ
टुडे इंडिया ख़बर/स्नेहा
जयपुर 14 दिसंबर,2024
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सम्पूर्ण देश में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों में संगठित कर उनको प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता प्रदान कर उनकी आजीविका संवर्धन का कार्य किया जाता है।
जिसके तहत स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों के द्वारा हैंडलूम, हेंडीक्राफ्ट, एवं खाद्य गतिविधियों में पारंपरिक रूप से कार्य किया जाता है।
ग्रामीण विकास विभाग के तहत राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) द्वारा महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को मजबूत और उन्नत बनाने के प्रयासों के तहत शनिवार को सरस राज सखी राष्ट्रीय मेले का शुभारंभ जवाहर कला केंद्र एवं इंदिरा गाँधी पंचायती राज संस्थान, जवाहर लाल नेहरु मार्ग, जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा वर्चुअल किया गया।
यह मेला 14 दिसंबर से 30 दिसंबर तक संचालित किया जाएगा।
सरस राज सखी राष्ट्रीय मेले में देश के लगभग सभी राज्यों के भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग के 250 से अधिक उत्पादों एवं क्षेत्रीय शिल्पकारों द्वारा विविध और समृद्ध विरासत को एक छत के नीचे देखने और क्रय करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
इस आयोजन में क्षेत्रवार मंडप स्थापित किए गए हैं, जिससे प्रत्येक राज्य अपनी अनूठी सांस्कृतिक कलाकृतियों को एक समर्पित स्थान पर प्रदर्शित कर रहा है।
देश के लगभग समस्त प्रदेशों के 300 से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य अपने उत्पादों को प्रदर्शित एवं विक्रय का कार्य कर रहे है।
मेले में हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, खाद्य पदार्थ एवं उन्नत तकनीक से बने हुए अन्य उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है।
इस आयोजन में सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ाते हुए अधिकांश राज्यों के फूड स्टाल्स से सजे काउंटर आगंतुकों को पूरे देश के पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान कर रहे हैं जो देश की विविधता को दर्शाती एक अनूठी पाक कला को प्रदर्शित करता है।
मेले में ग्रामीण हस्त निर्मित उत्पादों के लिए खासा उत्साह देखा जा रहा है |
फ़ूड कोर्ट में विभिन्न राज्यों की महिलाओं द्वारा स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं जिसका लुत्फ यहां आने वाले आगंतुक ले रहे हैं |
जिसके अंतर्गत राजस्थान का चूरमा दाल बाटी, सिक्किम के मोमोज, चौमिन, ठुक्पा, सेल रोटी एवं आलू दम, आसाम के नारियाल लड्डू, काला चावल खीर, तिल पेठा, कतली पेठा, पश्चिम बंगाल के पेटी सेपता, लूची करी, तेलंगाना के वेज बिरयानी, इडली डोसा, जम्मू कश्मीर के कहवा, मध्यप्रदेश के आलू परांठा, मेथी परांठा, गरदु की टिक्की, पोहा जलेबी, गुजरात के मक्की की रोटी, उड़द की दाल, दाल भात, हिमाचल प्रदेश के सिददु राजमा , हिमाचल प्रदेश के ड्राइ फ्रूट सिददु असकाली रजना, तमिलनाडु के बेटरूट मल्ट, केरेट मल्ट, बग्गी, बोंडा, आंध्र प्रदेश के ओर्गेनिक जगेरी पाउडर, हेमोग्लोबिन लड्डू, उत्तराखंड के मँड़ुआ का गोल गप्पा, स्प्रिंग रोल्ल, केरेला से वडा, बोंडा मुख्य व्यंजन है।
यह मेला पर्यटन के पीक मौसम के दौरान आयोजित किया जा रहा है।
इसके साथ ही बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान भी चलाया जा रहा है जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के आगंतुकों की एक बड़ी संख्या के आकर्षित होने की उम्मीद है।
यह आयोजन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपने अनूठे दस्तकारी उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है। सौंदर्यता से ओतप्रोत भिन्न— भिन्न प्रदेशों की संस्कृति, परिधान, भाषा, एवं पारंपरिक उत्पादों का बेजोड़ नमूना इस सरस राज सखी राष्ट्रीय मेले में देखने को मिलता है|
यह अपनी तरह का ऐसा आयोजन है जिससे सभी 250 से अधिक जीआई टैग उत्पाद एक ही स्थान पर अपना आकर्षण बिखेरते नजर आ रहे हैं |
ये मेले महिलाओं को उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को विक्रय करने का एक उन्नत मंच उपलब्ध करवा रहा है जहाँ महिलाए अपनी कला को प्रदर्शित कर अपने उत्पादों का श्रेष्ठ मूल्य प्राप्त कर रही है।
राष्ट्रीय राज सखी मेला 2024 मे 2000 रूपये से अधिक खरीददारी करने वाले ग्राहकों को सुपर लक्की ड्रॉ ग्रैन्ड प्राइज़ के तहत ब्रांड न्यू कार एवं लक्की बायर अवॉर्ड के तहत प्रथम प्राइज़ एक्टिवा, द्वितीय प्राइज़ लैपटॉप एवं तृतीय प्राइज़ एप्पल आई फोन उपहार जीतने का सुनहरा मोका मिलेगा।
इस अवसर पर मेला स्थल जवाहर कला केंद्र जयपुर मे परियोजना निदेशक अजय कुमार आर्य, विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।