टुडे इंडिया ख़बर / संतोष वशिष्ठ
जयपुर, 11 मई, 2025

अवकाश का दिन ओर प्यारी मां की यादें, यदि इन यादों में संगीत के स्वरों के चार चांद लग जाएं तो मानों मां और बेटे बेटियों में, परिवार में खुशियों की बौछार हो उठती है, कुछ ऐसा ही लम्हा जीवंत हो उठा रविवार को जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में, वीणा माँ म्यूजिक बैनर की और से “मदर्स डे” पर “एक शाम माँ के नाम” पर रंगारंग म्यूजिक प्रोग्राम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में “एक शाम माँ के नाम” शीर्षक का उद्देश्य माँ के निःस्वार्थ प्रेम को संगीत के माध्यम से सम्मानित करना था। इस आयोजन ने न केवल पुरानी पीढ़ी को उनकी मां की यादों से जोड़ा, बल्कि युवाओं को भी माँ के महत्व और संगीत की विरासत से परिचित कराया।


भावनात्मक रूप से जुड़ा जनसमूह.
कार्यक्रम में जनसमूह भावनात्मक रूप से और संगीतमय कार्यक्रम से भावविभोर हो अपनी माँ को याद करने लगा। इस विशेष संध्या में बॉलीवुड के पुराने सुनहरे गानों के माध्यम से माँ के प्रति सम्मान और प्रेम व्यक्त किया गया। संस्था के निदेशक रितेश श्रीवास्तव व संस्थापक प्रशंसा श्रीवास्तव ने बताया की कार्यक्रम मे शहर के नामी सिंगर्स ने सुरीले सुरों से वॉलीवुड गीतों की माला पिरोई, जहाँ हर उम्र के दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी।


डागर ब्रदर्स ने सिंगर्स को दिया भरपूर आशीर्वाद
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व गणेश वन्दना से हुआ। श्रृव्या माथुर ने गणेश वन्दना की नृत्य प्रस्तुति दी। इसमे विशिष्ट अतिथि महेश शर्मा, अति विशिष्ट अतिथि अभय और सौरभ शर्मा , डागर ब्रदर्स उस्ताद एच.नफीसद्दीन ख़ान डागर, उस्ताद एच. अनीसद्दीन ख़ान डागर, समाज सेवी राधेश्याम गुप्ता, संगीत थोमस, विजय सुमन शर्मा, राजेन्द्र पोरवाल, सुधीर श्रीवास्तव, अपर्णा श्रीवास्तव, विकास असोपा, प्रियंका असोपा और संस्था के वरिष्ठ अध्यक्ष चेतन स्वरूप श्रीवास्तव व जयपुर की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी और क्लब मेंबर्स मौजूद रहे।
युगल संगीत ने बांधा समा
कार्यक्रम में युगल संगीत की प्रस्तुति के तहत वन्दना माथुर, सुमित माथुर, शैलेंद्र माथुर, विकास असोपा, मीना सक्सेना हर्ष सक्सेना, आशिष कुलश्रेष्ठ, मनीष माथुर, मुकेश सक्सेना , निशा राव, मनोज सक्सेना, कविता सक्सेना, रवीन्द्र शर्मा, महीमा सक्सेना, अनुज माथुर, अक्क्षा श्रीवास्तव, वान्या श्रीवास्तव, संजय सक्सेना, मिलन जोशी, गिर्राज सिंह, रश्मि श्रीवास्तव, राजीव श्रीवास्तव, शेखर श्रीवास्तव, सपना श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, मनीषा श्रीवास्तव, जितेंद्र जौहरी, उमा श्रीवास्तव, तेज प्रकाश माथुर, मोना माथुर, मोनू राव, अतुल श्रीवास्तव, हंसा श्रीवास्तव, विजेन्द्र भार्ग, कमलेश उपाध्याय, गजेन्द्र सोनी, प्रशंसा श्रीवास्तव, रितेश श्रीवास्तव, डा.संकल्प कुलश्रेष्ठ, सुगंधा कुलश्रेष्ठ ने मनमोहक अंदाज ओर पुरकशिश आवाज़ में गीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। रितेश श्रीवास्तव और राजीव श्रीवास्तव ने “तू कितनी प्यारी माँ” के गाने से वाह-वाही लूटी। आशिष कुलश्रेष्ठ व वन्दना माथुर ने यूँ ही तुम मुझसे बात करती हो” गिर्राज सिह व रश्मि श्रीवास्तव ने “पर्वत के पीछे”, संजय सक्सेना व मिलन जोशी ने “याद किया दिल ने कहाँ तुम”, शेखर श्रीवास्तव व सपना श्रीवास्तव ने “कोरा कागज था ये मन मेरा” को पेश कर श्रोताओं को आल्हादित कर दिया। वन्दना माथुर व सुमित माथुर ने कह दो की तुम हो मेरी, प्रशंसा श्रीवास्तव व रितेश श्रीवास्तव ने”तू मुझे जान से भी प्यारा है” के गीतों में श्रोता स्वरों में खोते नज़र आए। कार्यक्रम का संचालन डा. निशा माथुर ने किया। रजनी श्री बेदी, भानु भारद्वाज, जय कुमार, शिल्पी जैन, पूनम संजुदा, धर्मेंद्र शर्मा, परेश श्रीवास्तव, प्रीति श्रीवास्तव, वैशाली श्रीवास्तव का विशेष सहयोग रहा।