देश में सवाई जयसिंह द्वितीय के बसाए जयसिंहपुरों में सर्वश्रेष्ठ बना जयपुर…
टुडे इंडिया ख़बर / संतोष वशिष्ठ
जयपुर, 12 अप्रैल, 2025

1. सवाई जयसिंह द्वितीय ने पहला जयसिंहपुरा उज्जैन में बसाया। ये बहुत ही सुंदर व महल और आकर्षक हवेलियों, मंदिरों से युक्त था। जिन पर सोने -चांदी का मनमोहक कार्य हुआ था। वही, चारों तरफ ऊंचा परकोटा भी बनाया गया था।
2. इसके बाद दूसरा जयसिंहपुरा राजा राम की अयोध्या में बसाया गया। वह भी उत्कृष्ट कार्यशैली का धोतक रहा।
3. इसके बाद महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने भगवान ब्रह्मा जी की नगरी प्रयागराज में जयसिंहपुरा का निर्माण किया।
4. इसके बाद सवाई जयसिंह द्वितीय ने मथुरा-वृंदावन में भी मनमोहक जयसिंहपुरा का निर्माण करवाया।
5. लगभग 108 जयसिंहपुरा बसाने के बाद भी वे संतुष्ट नहीं हो पाए।

एक दिन आमेर-जयपुर रियासत के देश-दीवान(प्रधानमंत्री) आमेर शिला माता मंदिर महंत परिवार के वंशज पंडित विद्याधर भट्टाचार्य ने उन्हें उदासी का कारण पूछा, जिस पर उन्होंने कहा कि विधाधर अब तक देशभर में बहुत से आकर्षक जयसिंहपुरे बनवा चुके है। लेकिन, मन संतुष्ट नहीं हुआ। महाराजा की ऐसी बात सुनकर विधाधर भट्टाचार्य जी ने उनसे कहा, कि आप कहे तो एक प्रयास हम करे ओर उन्होंने तत्काल तीलियों से जयपुर के वास्तु,शिल्प व तांत्रिक तरीके का नक्शा बनाकर दिखाया।

जिसे देखकर महाराजा जयसिंह द्वितीय उत्साह से गदगद हो उठे और तुरंत अपने मुख्य मंत्री किशनाराम बंगाली को बुलाकर विधाधर भट्टाचार्य जी को देश दीवान (प्रधानमंत्री) के पद पर आसीन कर दिया। महाराजा की आज्ञा से दीवान विधाधर जी ने विश्व के अनुपम व अलौकिक जयपुर शहर की रचना वास्तु शास्त्र, शिल्प शास्त्र व तांत्रिक शास्त्र के आधार पर कर दी। जिसे आज यूनेस्कों ने भी वर्ल्ड हैरिटेज सूची में दर्ज किया है। ये अनुपम देन आमेर शिला माता मंदिर महंत परिवार के वंशज देश-दीवान(प्रधानमंत्री) पंड़ित विधाधर भट्टाचार्य जी की है। जिन्हें महाराजा ने दस से अधिक सिरोपाव सम्मान देकर नवाजा था। उस वक्त देश-विदेश में आमेर-जयपुर रियासत के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय व उनके देश-दीवान(प्रधानमंत्री) पंड़ित विधाधर भट्टाचार्य जी के बराबर कोई दूसरा नहीं था।

