टुडे इंडिया खबर/ब्यूरो
दिल्ली,4 अक्टूबर,2024
गापुर की 37 वर्षीय महिला सु चिन को फर्जी मेडिकल दस्तावेज तैयार करने के आरोप में सिंगापुर की अदालत ने 5,000 सिंगापुरी डॉलर (लगभग 4.19 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है. सु चिन, जो एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं, अपनी मां की बीमारी और व्यक्तिगत तनाव से जूझते हुए नौ दिनों की छुट्टी पाने के लिए फर्जी अस्पताल प्रमाणपत्र बनाने के कारण कानूनी मुश्किलों में फंस गईं.
सु चिन, जो चीन की निवासी हैं और ETC Singapore SEC नामक कंपनी में काम करती थीं, ने अपने पुराने मेडिकल सर्टिफिकेट को एडोब फोटोशॉप (Adobe Photoshop) की मदद से बदल दिया. उन्होंने इस प्रमाणपत्र के हेडर को बदलकर St. Luke’s Hospital का बना दिया और अस्पताल में भर्ती होने की तारीखें 23 मार्च से 3 अप्रैल 2024 कर दीं. इसके साथ ही उन्होंने प्रमाणपत्र में दिए गए QR कोड के साथ भी छेड़छाड़ की, ताकि इसे वैध दिखाया जा सके. इस फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर उन्होंने 9 दिनों की छुट्टी ली और इस दौरान उन्हें 3,541.15 सिंगापुरी डॉलर (लगभग 2.97 लाख रुपये) वेतन के रूप में मिले.
हालांकि, उनका यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब 4 अप्रैल को उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दिया और कंपनी के HR ने उनके दस्तावेज़ों की जांच की. जब HR ने QR कोड को स्कैन करने का प्रयास किया तो यह फेल हो गया, जिससे संदेह उत्पन्न हुआ. जब उनसे असली प्रमाणपत्र मांगा गया, तब उन्होंने दूसरा फर्जी दस्तावेज़ जमा किया, जिससे मामला और गहरा गया. इस घटना के बाद कंपनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.
भावनात्मक और वित्तीय दबाव
कोर्ट में सु चिन के वकील रिचर्ड लिम ने बताया कि उनके मुवक्किल की इस हरकत के पीछे कोई बुरी मंशा नहीं थी, बल्कि वह भारी भावनात्मक और वित्तीय दबाव में थीं. उनकी मां चीन में गंभीर स्थिति में थीं और सु चिन अकेले ही उनकी देखभाल कर रही थीं. अपने तनाव को संभालने में असफल होने पर उन्होंने छुट्टी बढ़ाने के लिए झूठा दावा किया कि उनकी मां की मृत्यु हो गई है और इसके समर्थन में उन्होंने एक फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र भी जमा कर दिया.
इसके अलावा, वह अपनी मां की चिकित्सा खर्चों का पूरा भार खुद ही उठा रही थीं, और फ्रीलांस काम कर रही थीं, जो कि बिना वेतन के छुट्टी की सुविधा प्रदान नहीं करता था. इस वित्तीय और भावनात्मक दबाव ने उन्हें इस फर्जीवाड़े की ओर धकेला.